गिरीश मथ्रुबूथम: उधारी हुई पैसे से MBA से शुरूआत, 95,000 करोड़ कंपनी के सीईओ तक की प्रेरणादायक कहानी

image of Girish Mathrubootham with title explaining From MBA on borrowed money to CEO of a Rs 95,000 crore company! Watch his story, an endless example of success

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यात्रा की शुरुआत

गिरीश मथ्रुबूथम की कहानी एक परिश्रम और सहनशीलता का प्रतीक है जो विपरीतात्मक परिस्थितियों के बावजूद भी संघर्ष के माध्यम से आगे बढ़ने की शक्ति को दर्शाती है। वे एक साधारण परिवार में जन्मे, त्रिची, तमिलनाडु में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे, जहां उनकी शुरुआती जीवन संघर्ष से भरी थी।

गिरीश ने अपने शैक्षिक यात्रा की शुरुआत की जैसे कि किसी भी साधारण छात्र ने किया होता, लेकिन उनकी आकांक्षाएं साधारण से परे थीं। अपने पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने इंजीनियरिंग में प्रवेश करने का निश्चय किया, जिसके लिए उन्हें चेन्नई जाना पड़ा। लेकिन, औसत छात्र के रूप में, मेरिट सूची में स्थान पाना एक कठिनाई थी। फिर भी, अपनी अद्वितीय प्रतिभा और उत्साह के साथ, गिरीश ने निरंतर अपने सपनों की पूर्ति के लिए प्रयास किया।

1992 में, गिरीश ने अपने प्रबंधनीय योग्यता को पूरा करने के लिए एमबीए की पढ़ाई करने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने पिताजी से धन के लिए प्रार्थना की, जो सरकारी सेवक थे, और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए ऋण लेना पड़ा। इस तरह, गिरीश ने अपने सपनों की पूर्ति की ऊर्जा को बढ़ाया और उन्होंने अपनी ऊर्जा को सफलता की दिशा में बदल दिया।

संघर्ष से सफलता की ऊंचाइयों तक

गिरीश की सफलता की यात्रा उनके जीवन में कई मोड़ों और मोमेंट्स के साथ गहराई भरी रही है। संघर्ष, संघर्ष और संघर्ष के साथ, उन्होंने अपने सपनों की पूर्ति के लिए निरंतर यात्रा की है। जीवन के हर चरण में, वे अपनी सामर्थ्य और साहस को प्रदर्शित करते हुए, स्वयं को सबके सामने प्रकट करते रहे हैं।

गिरीश की शिक्षा की यात्रा भी एक अनोखा अनुभव है। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर एमबीए की पढ़ाई के लिए निर्णय लिया। यहां उन्होंने न केवल शैक्षिक दृष्टि से बल्कि नौकरी और करियर के प्रति उनकी दृष्टि को भी सुधारा। उनके नौकरी के अनुभव ने उन्हें समर्थ बनाया कि वे एक अद्वितीय और व्यापक दृष्टिकोण के साथ अपने उद्यमिता की ऊंचाइयों को छू सकते हैं।

उनके नौकरी में कई असफल प्रयासों के बावजूद, गिरीश ने हार नहीं मानी। उन्होंने सीखा और बढ़ने के लिए नयी दिशाओं को ध्यान में रखा। फिर, उन्होंने एक नई उद्यमिता की शुरुआत की, जो आखिरकार उन्हें सफलता की नई ऊँचाइयों की ओर ले जाने के लिए प्रेरित किया।

गिरीश का बड़ा टर्निंग प्वाइंट था जब उन्होंने जोहो में नौकरी की। नौ वर्षों तक एक स्थिर नौकरी में रहने के बाद भी, उन्हें एक नई उद्यमिता की शुरुआत करने का इच्छा हुआ और उन्होंने एक नई आईटी हेल्पडेस्क उत्पाद बनाने के लिए प्रेरित किया। इस प्रेरणादायक क्षण ने गिरीश की जिंदगी को नई दिशा दी और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए नई ऊँचाइयों की ओर ले जाया।

2010 में, गिरीश ने अपने सहकर्मी शान कृष्णसमी के साथ मिलकर फ्रेशवर्क्स (जिसे पहले फ्रेशडेस्क के रूप में जाना जाता था) की शुरुआत की। इसके बाद, उनकी कंपनी ने धीरे-धीरे बड़ी ऊँचाइयों को छू लिया और आज फ्रेशवर्क्स एक बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी के रूप में विश्व में मान्यता प्राप्त की है।

गिरीश का संघर्ष, समर्पण और उत्साह उन्हें न सिर्फ सफलता के मार्ग पर ले गए, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए बड़ी ऊँचाइयों को छूने का साहस दिया।

यहां तक कि उनका संघर्ष और समर्पण न केवल उन्हें बल्कि उनके साथ जुड़े लोगों को भी प्रेरित किया है। उनके करीबी संबंधों और सहयोगियों ने भी उनके सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें प्रेरित किया है, जिससे उनके सफलता का अहम हिस्सा बना है।

आगे बढ़ने से पहले, गिरीश ने कई चुनौतियों का सामना किया है, जिन्होंने उन्हें मजबूत बनाया है। उनके जीवन की इस यात्रा में, संघर्ष और समर्पण का महत्व उन्हें बहुत कुछ सिखाया है, जो आगे बढ़ते समय में उन्हें मजबूत और सक्षम बनाए रखेगा।

गिरीश का समृद्ध और सफल जीवन

गिरीश मथ्रुबूथम की यात्रा में न सिर्फ सफलता, बल्कि एक समृद्ध और प्रेरणादायक जीवन का भी अहम हिस्सा है। उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर मुश्किल का सामना किया और उन्हें परास्त करने के लिए नई ऊँचाइयों को छूने का साहस दिखाया।

गिरीश की कंपनी, फ्रेशवर्क्स, एक सफल सॉफ्टवेयर कंपनी के रूप में विकसित हुई है। उनकी कंपनी ने उच्च स्तरीय प्रौद्योगिकी, नवाचार और सेवाओं के माध्यम से अपना अलग पहचान बनाई है और आज यह एक आदर्श स्थिति में है। गिरीश के नेतृत्व और निरंतर प्रयासों से, उनकी कंपनी आज लाखों लोगों को रोजगार प्रदान कर रही है और उन्हें आर्थिक स्थिरता प्राप्त करने में मदद कर रही है।

गिरीश का समृद्ध और सफल जीवन उनके संघर्ष, समर्पण और उत्साह का परिणाम है। उन्होंने हमेशा अपने सपनों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास किया और हार नहीं मानी। उन्होंने अपने कठिनाइयों का सामना किया और हर मुश्किल को एक अवसर में बदलने का तरीका बनाया।

गिरीश के समर्पण का एक और महत्वपूर्ण प्रमाण उनका परिवार है। उनका परिवार उन्हें हमेशा साथ देता है और उनके सपनों के प्रति प्रेरित करता है। गिरीश के साथ उनकी पत्नी, दो बच्चे और प्यारा कुत्ता भी हैं, जो उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

गिरीश मथ्रुबूथम ने समाज में नए मानकों की स्थापना की है, जिसमें सफलता के साथ-साथ नैतिकता और समाज के प्रति समर्पण का संदेश भी शामिल है। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना, मेहनत करना, और कभी भी हार नहीं मानना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

गिरीश की यात्रा एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो हमें दिखाता है कि संघर्ष और समर्पण से हम अपने लक्ष्यों तक पहुँच सकते हैं। उनका सफलता से भरा सफर हमें यह बात सिखाता है कि हमारी मेहनत और संघर्ष हमें हमेशा लक्ष्यों की ओर ले जाते हैं, चाहे रास्ते में कितनी भी कठिनाईयाँ क्यों न हों।

गिरीश मथ्रुबूथम की कहानी हमें यह बात सिखाती है कि हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने मन में संघर्ष और उत्साह को जिंदा रखें, और हमेशा मेहनत और समर्पण के साथ आगे बढ़ें। यह सफलता की यात्रा हमें हमेशा संजीवित रखने वाले संघर्षों का महत्व दिखाती है, जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

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